
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मिली करारी हार के बाद जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बेबाक अंदाज़ में सामने आए। वो PK जो हमेशा दूसरों को जीत का मंत्र देते रहे—उन्होंने इस बार खुद की हार को खुलकर स्वीकार किया।
“ना सत्ता बदली, ना सिस्टम”—PK का साफ-साफ बयान
PK ने कहा, “हम साढ़े तीन साल पहले व्यवस्था परिवर्तन के लिए निकले थे… लेकिन न सत्ता बदल सकी, न व्यवस्था। हां, बिहार की राजनीति जरूर हिला दी।”
सियासत में इतना ईमानदार confession कम ही देखने को मिलता है। लगता है PK ने राजनीति का Truth & Dare मोड ऑन कर दिया है—Dare जनता ने किया, और Truth PK बोल रहे हैं।
“मैं जिम्मेदारी लेता हूं”—PK का Damage Control Version 2.0
उन्होंने कहा, “लोगों का भरोसा मैं नहीं जीत पाया। यह हमारी सामूहिक हार है।”
यानि टीम हार गई, कप्तान बोले—गलती मेरी! क्रिकेट होता तो शायद PK को ‘Fair Play Award’ मिल जाता।
“नीतीश और BJP अब Deliver करें”
PK बोले, जनता ने अपना रास्ता चुन लिया है। अब नीतीश कुमार और भाजपा की जिम्मेदारी है कि बिहार से पलायन बंद करें, सुधार करें और फिर उनका Punchline- “अगर ये सब हो गया, तो हमें राजनीति करने की जरूरत ही नहीं।”
यानी… अगर सरकार काम कर दे तो PK को राजनीति का झंझट ही नहीं चाहिए।
PK के आरोप—“पीछे नहीं हटेंगे”
उन्होंने साफ कहा कि जिन नेताओं पर उन्होंने आरोप लगाए हैं… उन आरोपों से पीछे हटना OUT OF SYLLABUS है! अगर उन्हें बिहार कैबिनेट में शामिल किया गया— “हम कोर्ट जाएंगे। जनता ने लूट का जनादेश नहीं दिया है।”
इस बयान के बाद कई नेताओं के कान गरम और कुर्सी ठंडी हो गई होगी।

“25 सीट मिल जाए तो राजनीति छोड़ दूंगा”—PK की पुरानी कसम का नया Version
PK ने कहा, “मैंने कहा था कि 25 सीट मिल जाएं तो राजनीति छोड़ दूंगा… पर ये नहीं कहा था कि 10 हजार देकर वोट खरीद लो।” यह तंज नहीं—सीधे एक राजनीतिक रॉकेट था। काफी नेताओं की तरफ़ trajectory सेट लग रही थी।
सबसे बड़ी धमकी: “150 लाख परिवार को 2 लाख दो… फिर मैं राजनीति छोड़ दूंगा”
PK ने नीतीश कुमार को ओपन कंडीशन दे डाली— “अगर अगले 6 महीनों में डेढ़ करोड़ परिवारों के खाते में 2 लाख रुपये आ जाएं…तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।”
अगर सच में इतना पैसा मिल गया… तो PK तो राजनीति छोड़ देंगे— लेकिन बिहार की GDP खुशियों से फट जाएगी।
‘Bihar Politics = यदि-किन्तु-पार्टी?’
PK की प्रेस कॉन्फ्रेंस सुनकर लगता है— बिहार की राजनीति “वादा, कसम और चैलेंज” की सीरीज बन चुकी है। कोई कहता है—मैं 25 सीट पर छोड़ दूंगा, कोई कहता है—मैं 2 लाख दूंगा तो छोड़ दूंगा, और जनता सोच रही है—“हमें छोड़ोगे कब?”
PK का ईमानदार बयान… या नई पॉलिटिकल स्क्रिप्ट?
प्रशांत किशोर ने हार स्वीकार कर, नीतीश-बJP को चुनौती देते हुए, विकास, पलायन और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर फिर से बहस छेड़ दी है। अब दिखना यह है कि उनके बयान का राजनीतिक असर ज्यादा होगा या ड्रामेटिक।
“दिल्ली की हवा में O₂ कम, PM2.5 ज़्यादा – सांस लो, किस्मत से!”
